Crypto Spot Trading Vs Future Trading in Hindi 2024

Crypto Spot Trading Vs Future Trading

चलिए बात करते हैं Crypto की Spot Trading Vs Future Trading in Hindi के बारे में। Future Trading और Spot Trading क्या होती है। कौन सी Trading बेहतर है। इनमें क्या-क्या Risk हो सकते हैं।

इससे कितना पैसा कमाया जा सकता है, इन सभी सवालों के जवाब, हम इस आर्टिकल में आपको देने वाले हैं। अगर आपका कोई सवाल या राय है, तो आप हमें Comment कर सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं।

Spot Trading

आम भाषा में बात करें तो Spot Trading बहुत ही सिंपल सी ट्रेडिंग होती है। Basically, इसमें आपको किसी क्रिप्टोकरंसी को खरीदना है, Hold करना है, जब उसका Rate बढ़ जाए तो बेच देना है।

इसमें कोई निश्चित अवधि नहीं होती, मतलब की आपको कोई क्रिप्टो, एक month के लिए रखनी है, दो दिन के रखनी है, साल के लिए रखनी है। जब भी Rate ऊपर जाएगा, आप उसे बेच सकते हैं और Rate नीचे आने पर फिर से खरीद सकते हैं और फिर बढ़ जाने पर बेच सकते हैं, इसे Spot Trading कहा जाता है।

Limit Spot Order

Spot Trading में limit लगाकर आर्डर लगाने को Limit Spot Order कहा जाता है, जैसे कि अगर आपने किसी Token को $10 पर खरीदना है और उसका Price $15 चल रहा है, तो आप $10 पर लिमिट लगा देंगे।

जब भी Future में $10 पर Rate जाएगा, तो आपका token automatically Buy हो जाएगा। यह प्रक्रिया काफी Safe होती है, इसमें आपको Risk की गुंजाइश बहुत ही कम होती है और इसमें आपको कुछ घंटे, दोनों या हफ्तों तक सही Rate आने का इंतजार भी करना पड़ सकता है।

Market Spot Order

आप बात करते हैं, Market Spot Order की, इसमें जब आप Market Order Select करके कोई भी ऑर्डर लगते हैं, तो Instant आपका टोकन buy हो जाता है, जो भी उस टाइम मार्केट मे रेट चल रहा है, उस हिसाब से आपकी क्रिप्टो buy हो जाती है।

इसे मार्केट ऑर्डर कहा जाता है। इसमें रिस्क थोड़ा सा लिमिट ऑर्डर से ज्यादा होता है और इसमें इंस्टेंट टोकन buy हो जाता है। 

शुरुआत में ट्रेडिंग करने के लिए Spot Trading, सबसे बढ़िया तरीका है। इससे आप रिस्क Free भी रहते हैं और पैसा भी कमा सकते हैं।

आपको जब भी किसी टोकन को buy करने के लिए Choose करना है, तो आपको हमेशा उसके के बारे में अच्छी तरह से Research करने के बाद ही buy करना है।

Future Trading

फ्यूचर ट्रेडिंग, स्पॉट ट्रेडिंग से काफी अलग होती है। यह काफी रिस्क वाला कम है। शुरुआत में beginners के लिए यह बिल्कुल भी नहीं है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में अपने किसी क्रिप्टो टोकन के Price को Predict करना होता है, कि फ्यूचर में इसका Price up जायेगा या down, उसे हिसाब से आपको ऑर्डर लगाना होता है।

इसमें काफी सारे फैक्टर काम करते हैं लिमिट और मार्केट ऑर्डर के अलावा leverage, liquidation, Position, cross मार्जिन और isolated ऑर्डर्स। चलिए सब के बारे में संक्षेप में जानते हैं। 

 

 

Long & Short

long और Short को buy और sell भी कह सकते हैं। जिसमें आपको अगर किसी टोकन का रेट ऊपर जाएगा, तो buy (long )करना होता है, अगर रेट नीचे जाएगा तो sell (short) करना होता है। 

Limit future Order

Sport trading की तरह, इसमें भी Limit और market Orders होते है। Limit ऑर्डर में आपको price सेट करना होता है, जैसे ही वह Price hit होगा, आपका टोकन buy (long) या Sell (Short) हो जाएगा। इसमें रिस्क की बात करें तो मार्केट ऑर्डर से कम होता है। 

Market Future Orders

मार्केट फ्यूचर्स ऑर्डर्स काफी रिस्की हो सकते हैं। इसमें इंस्टेंट आपका ऑर्डर बाय या सेल हो जाता है। जो भी मार्केट में रेट चल रहा है। उस हिसाब से आपकी Position लग जाती है और आप अपना loss और Profit देख सकते हैं। 

Leverage

Leverage का मतलब है, अगर आपने $10 से ट्रेडिंग करनी है, तो जितने गुना उसको बढ़ाना चाहते हैं। जैसे $10 पर अगर 5x leverage लेते है, तो आपका future trading balance $50 हो जायेगा।

लेकिन leverage ज्यादा लेना बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है, आप Seconds में अपना सारा पैसा गवा सकते हैं। नए Traders के लिए यह बिल्कुल भी नहीं है। इसके लिए आपको Practice और Experience की काफी ज्यादा जरूरत होती है।

जितनी तेजी से आप पैसा कमाते है उतनी तेजी से ही पैसा ग्वाते भी है।

Position

Position मे आपको आपके current Orders की Margin, Mark Price, Profit & loss and Stop Loss & Take Profit दिखाई देते है। 

Liquidate

आपके Margin और leverage के हिस्साब से जो भी आपका लॉस का price set होता है उसे लिक्विडैशन प्राइस कहा जाता है, मतलब आपने  कोई टोकन 10 डॉलर पर buy (long) किया है और मार्केट नीचे जा रही है और अब लेवरेज और मार्जिन के हिसाब से, $7 पर आपका सारा फंड liquidate हो जायेगा मतलब डूब जायेगा।

Conclusion

देखिए Spot Trading Vs Future Trading in Hindi, दोनों में ही रिस्क है। लेकिन दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। जहां  Spot Trading मे आपको काफी लंबा time इंतज़ार करना पड़ सकता है, वही future trading मे आपको profit- loss कुछ time मे ही हो जाता है, एक या दो दिन मे।

नए ट्रेडर्स के लिए सपोर्ट ट्रेडिंग सबसे बेहतर और अच्छी ट्रेडिंग है। जब तक आपको Trading का Experience नहीं हो जाता और आप अच्छे से प्रेक्टिस नहीं कर लेते, आपको Future Trading नही करनी चाहिए।

हमारा Content Only Educational Purpose से है। बिना knowledge के कोई भी ट्रेडिंग न करे। Crypto बहुत ही अस्थिर मार्केट है।

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